Mungfali Ki Kheti - नमस्कार प्यारे किसान, क्या आप मूंगफली (Peanut) की फसल के बारे में जानकारी चाहते है। हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से, मूंगफली की खेती कैसे करे (Mungfali Ki Kheti Kaise Kare), मूंगफली, की उन्नत किस्मे (Mungfali Ki Unnat Kisme) कौनसी है, आदि जानकारी मिलने वाली है आप सभी किसान भाई पूरी पोस्ट को जरूर पढ़े।
- मूंगफली की खेती कैसे करे (Mungfali Ki Kheti Kaise Kare)
- मूंगफली, की उन्नत किस्मे (Mungfali Ki Unnat Kisme)
- खेत की तैयारी (Field preparation)
- मूंगफली की बिजाई (Mungfali ki Bijai)
- मूंगफली का खरपतवार नियंत्रण (Peanut Weed Control)
- मूंगफली की खेती का रोग नियंत्रण (Disease control of groundnut cultivation)
- मूंगफली की पैदावार (Mungfali ki Pedawar)
मूंगफली की खेती कैसे करे (Mungfali Ki Kheti Kaise Kare)
मूंगफली, की उन्नत किस्मे (Mungfali Ki Unnat Kisme)
आर जी 425 - इस किस्म के पौधे सूखे के प्रति सहनशील पाए जाते है इसलिए इसे राजस्थान राज्य में सबसे अधिक उगाया जाता है। मूंगफली की बिजाई के बाद लगभग 120 से 130 दिन बाद फसल पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टर 20 से 30 क्विंटल तक पाया जाता है।
एम ए 10 - इस किस्म के पौधे सामान्य उचाई के पाए जाते है इस किस्म की फसल 125 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टर 25 से 30 क्विंटल तक होता है। इस किस्मे की फसल में लगभग 49 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है।
टी जी 37 ए - इस किस्म के पौधे 120 से 130 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाते है अगर पोधो को समय पर नहीं निकाला जाता तो बीज फिर से अंकुरित हो जाते है। इसका उत्पादन 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्यर तक पाया जाता है। इसमें तेल की मात्रा लगभग 50 प्रतिशत के आसपास पाई जाती है।
एम 548 - यह किस्म मुख्य रूप से रेतीली जमींन में उगाई जाती है। इसकी रोपाई बारिश के समय की जाती है इसकी फसल 120 से 126 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टर 25 से 27 क्विंटल के आसपास पाया जाता है।
जी 201 - इस किस्म का दूसरा नाम कौशल है। इस किस्म की फसल लगभग 110 दिन से लेकर 120 दिन के बिच तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन 20 क्विंटल के आसपास पाया जाता है। सिचाई वाले एरिया में इसका अधिक उत्पादन भी पाया जाता है।
अन्य किस्मे - ए के 12 - 24, आर जे 382, नंबर 13, एम 13, एम 522, एम 197, अम्बर, प्रकाश, टी जी - 26, एस जी 84, एच एन जी 10, दिव्या, एस जी 99, एच एन जी 69, जी जी 20, सी 501, जी जी 7, आर जी 425,
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खेत की तैयारी (Field preparation)
खेत की तैयारी के लिए पहले जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और से-तीन जुताई कल्टीवेटर या देशी हल से करके खेत में पाटा लगाकर भुरभुरा बना लेना चाहिए। इसके पश्चात ही बुवाई होनी चाहिए .
मूंगफली की बिजाई (Mungfali ki Bijai)
मूंगफली की बिजाई मानसून शुरू होने के साथ की जाती है। सामान्य रूप से 15 जुन से 15 जुलाई के मध्य होती है। बीज बोने से पहले 3 ग्राम थाइरम या 2 ग्राम मेंकोजेब दवा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित कर लेना चाहिए। इस दवाई से बीज में लगने वाले रोगो से बचा जा सकता है और अंकुरण भी अच्छा होता है। दीमक और सफ़ेद लट से बचाव के लिए कलोरोपायरिफास का 12.50 मिली लीटर प्रति किलो बीज का उपचार बुवाई से पहले करना चाहिए।
मूंगफली का खरपतवार नियंत्रण (Peanut Weed Control)
खरपतवार नियंत्रण करना फसल के लिए बहुत अच्छा होता है। शुरूआती समय में मूंगफली के पौधे बहुत छोटे होते है जो खरपतवार से ढक जाते है। खरपतवार मूंगफली के पोधो को बढ़ने नहीं देता है इसलिए इसकी रोकथाम करना बहुत जरुरी होता है। खरपतवार से बचने के लिए खेत की 1 - 2 बार निराई - गुड़ाई करना जरुरी है। जिन खेतो में खरपतवार की समस्या ज्यादा होती है उनको बुवाई के 2 दिन बाद तक पेंडीमेथलीन नामक खरपतवारनाशी की 3 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बना कर प्रति हेक्टर छिड़काव करना चाहिए।
मूंगफली की पैदावार (Mungfali ki Pedawar)
उम्मीद है सभी किसान भाइयो को मूंगफली से जुडी सभी जानकारी मिल गई होगी अगर आप समय पर खेती बाड़ी की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो हमसे सोशल मिडिया पर जुड़ सकते है।
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